देश के नौनिहालों एवं युवाओं को इस प्रकार शिक्षित-प्रशिक्षित-दीक्षित करना कि वे स्वयं के साथ समाज जीवन को तेजोमय, अनुशासित, प्रगतिशील, वैभव सम्पन्न, सर्व समर्थ एवं यशस्वी बनाने में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर सकें।
इस हेतु जिज्ञासा, शिक्षा-संस्कार, ज्ञान-प्रेरणा, आचार-व्यवहार, शोध- आविष्कार का ऐसा उत्प्रेरक वातावरण बनाना, जहाँ व्यक्ति स्वयं स्फूर्त हो अनुकरणीय व्यक्तित्व में रूपांतरित होते रहें।
ग्वालियर राज्य में तत्कालीन शासकों द्वारा ग्वालियर तथा उज्जैन में उच्च शिक्षा की व्यवस्था की गई थी। उच्च शिक्षा कला एवं विज्ञान के विषयों की ही दी जाती थी। विधि की शिक्षा के प्रति तत्कालीन शासन उदासीन रहा। ग्वालियर के कुछ प्रमुख समाज सेवी एवं शिक्षाविदों ने विधि की शिक्षा की कमी का अनुभव किया।
बार काउसिल ऑफ इंडिया , नई दिल्ली के बन्धनकारी निर्देशों के फलस्वरूप सत्र 2004 - 2005 से माधव महाविद्यालय में विधि संकाय समाप्त कर दिया गया एवं उत्कनिर्देशों के अनुरूप प्रथक नविन माधव विधि महाविद्यालय के लिए मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग , भोपाल के अनापत्ति प्रमाण - पत्र दिया गया |
ग्वालियर नगर की प्राचीनतम प्रतिष्ठित संस्था जो पूर्व में ग्वालियर एज्यूकेशन सोसायटी के नाम से जानी जाती थी वर्तमान में मध्यभारत शिक्षा समिति केनाम से समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त है। संस्था के विकास एवं सुचारू संचालन के लिये स्व. श्री सदाशिव गणेश उपाख्य बाबा गोखले एवं डॉ. हरि रामचन्द्र दिवेकर का योगदान अविस्मरणीय है। स्व. बाबा गोखले इस संस्था के संस्थापक सदस्यों में अन्यतम थे।
माधव शिक्षा महाविद्यालय ग्वालियर के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा कॉलेज है। महाविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद , मध्य प्रदेश भोपाल की द्वारा मान्यता प्राप्त है और जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से संबद्ध है। माधव शिक्षा महाविद्यालय मध्य भारत शिक्षा समिति विवेकानंद मार्ग (नई सड़क) ग्वालियर मध्य भारत शिक्षा समिति 7 अगस्त 1950 को स्थापित किया गया था ।
यह विद्यालय ७४ वर्ष पूर्व शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रारंभ किया गया था .इसकी नींव समाज के प्रति समर्पित त्याग की प्रतिमूर्ति परम श्रध्देय स्व.श्री बाबा गोखले ने डाली थी . उनकी त्यागमयी भावना से प्रेरित होकर यह संस्था निरंतर अपने उद्देश के प्रति समर्पित भाव से सफलतापूर्वक कार्य कर रही है!
परम श्रद्धेय स्व. श्री बाबासाहब गोखले के असीम त्याग और परिश्रम के फलस्वरूप सन 1943 से संस्था का शुभारंभ सार्वजनिक शिशु पाठशाला के नाम से हुआ। विद्यालय के प्रारम्भ से सन 1970 तक अध्यापन कार्य मराठी एवं हिंदी दोनों ही रहा। तत्पश्चात सन 1970 से केवल हिंदी माध्यम में अध्यापन कार्य किया जाता रहा।
Oct
2024शाहिद सुबोध गोयल स्मृति प्रेरणा समिति द्वारा आज किशोरी कबड्डी महोत्सव का आ
Sep
2024